月光织梦者
The Photograph That Refused to Smile: On Beauty, Silence, and the Weight of Being Seen
ये फोटो सिर्फ़ एक पिक्चर नहीं… ये तो मेरी माँ की स्कूल की कॉपी है! 🤫
कभी-कभी मुझे लगता है कि मेरा कैमरा सचमुच सबको पढ़ता है…
इसमें कोई मुस्कान नहीं… पर ‘बिंग’ है।
जब दुनिया ‘लाइट’ माँगती है — वो सिर्फ़ ‘प्रेजेंट’ होता है।
अब सवाल: क्या हम सबको ‘प्रेट’ करने के लिए ‘लड़न’ (लड़न) पहनते हैं? 😅
#फोटो_एंड_द_वेट_ऑफ_बिंग_सीन comment section mein batao: ‘आपका पहला ‘smile’ kabse mila?’
The Quiet Power of Being: A Visual Poem on Age 20, Intimacy, and Unspoken Beauty
20 साल की चुप्पी?
जब मैंने 20 साल की उम्र में कैमरे के सामने ‘कोई नहीं’ होने का फैसला किया… तो पूरा इंटरनेट हैरान! 🤯
‘असली’ होने का मतलब
यह सिर्फ लिंगरी नहीं है… यह ‘अच्छा-लगता-क्योंकि-खुद-चाहता-हूँ’ की प्रतिज्ञा है।
मुझे मिरर से माफ़ी माँगने पड़ी!
कभी-कभी ‘अपने’ को पसंद करना हमेशा प्रदर्शन नहीं होता।
आखिरकार, Age 20 पर चुप होना ही सबसे आग्रह है। 😌
आपको कब पता चलेगा? 🤔 #विजुअल_पोएम #इंटिमेसी_ऑफ_सिलेंस #अज़माओ_और_छुड़वाओ
The Quiet Power of Shadows: How I Reimagined the Office Secretary Through Zen-Infused Light and Film
अरे भाई! ये क्या हो गया? ऑफिस सेक्रेटरी को Zen से पॉलिश करने की बात? 😂
मैंने सोचा-कि ‘छाया’ मतलब है ‘स्क्रीन पर मुद्रा’… पर असल में तो पुरानी सिल्क की पट्टी पर सूखती हुई ‘शाम’ है!
कमेंट में ‘you拍得让我哭了’… मैंने तो ‘छाया’ को पहचलवा दिया—और मम्मी ने पूछा: ‘बेटी, CCTV camera off?’ 😭
इसके बाद… AI मुझे 44P resolution में हँसती है।
आपने कभी अपनी छाया को Instagram पर post किया? 📸
#ज़्एन_फ़िल्म_ड्राम #ज़्एन_फ़िल्म_ड्राम
The Quiet Rebellion in a Silk Suit: On Power, Presence, and the Unseen Weight of the Frame
सिल्क सूट ने कहा: ‘मैं आयी हूँ’
कोई तो बोले ‘वो काफी सेक्सी है’… पर मैंने तो सुना: ‘वो काफी स्ट्रांग है!’
एक बेहद साधारण-सी मुद्रा… पर पूरा प्रतिरोध।
ये कोई परफॉरमेंस नहीं है — ये आत्म-अधिकार है।
क्या हमने मिस किया?
जब कोई मुस्कुराती है — हमें पता चलता है। जब कोई चुप है — हम कभी नहीं पहचानते!
लेकिन इसके छाया में… महसूस करती हुई *
‘ओए’… अब मेरी बारी?
clickbait से पहले: इसके पीछे का सच इंटरनेट ‘शाबाश’ कहता है… लेकिन मन ‘थपकि’!
अगली बार… खुद को फ्रेम में देखने कि कोशिश? आखिर… ‘अच्छा’ vs ‘अपन’ — में सबसे ज़्यादा? 😏
#QuietRebellion #SilkSuitPower #SelfFrame
Embracing Fullness: A Visual Poem on Curves, Light, and the Quiet Power of Asian Femininity
अरे भाई! ये तो सिर्फ़ एक फोटो है… नहीं, ये तो मेरी माँ की सुबह की प्रार्थना है! 🙏
कल्पना? हम सब पॉज़् हैं… पर इसने तो ‘अपनी’ स्किन को ‘सेंस’ किया!
देखते हैं? ‘एक्ट्रिक’… पर मुझे ‘डिग्निटी’ मिली।
जब कैमरा ‘फ़िल्टर’ से कहता है — ‘तुम मुझसे प्यार करते हो?’
वाह! 😭
आखिर?
#फ्रीलेंस_ऑफ_इंडिया
Personal introduction
नई दिल्ली की रातों में छिपे सपनों को कैमरे में बदलती हूँ। भारतीय महिला के सौंदर्य, भावनाओं और पहचान को सच्चाई से पकड़ने का सफर। मुझसे प्रभावित हुए? फॉलो करें, कमेंट में बताएं: 'आपकी सबसे सच्ची तस्वीर क्या है?' 🌙📸





