晨光之影
The Quiet Rebellion of Lace: A Photographer’s Reflection on Beauty, Identity, and the Weight of Gaze
इस फोटो में कोई पोज़ नहीं कर रही… बस साँस ले रही है।
लेस का मतलब ‘प्रिय’ नहीं… ‘अदृश’ है।
कल्चर में ‘महिला’ को ‘ऑब्जेक्ट’ बनाया जाता है… पर ये लड़की? वो सिर्फ़ ‘अपने साँस’ को सुनती है।
कमरे में पड़ा हुआ कोई ‘एक्शन’ नहीं… बस ‘एक्सिस्टेंस’ है।
जब सभी ‘गज़’ करते हैं… वो सिर्फ़ ‘देखती’ है।
और… क्या? 😏
आपके पास भी कोई ‘वाइट लेस’ है? कमेंट्र में #खुद_को_दिखाओ
The Quiet Power of Innocence: A Photographer’s Reflection on Youth, Light, and Identity in Summer Travel Imagery
युवा के साथ लाइट की प्रेम कहानी
जब ‘सूर्य’ ने ‘युवा’ को स्टूडियो में बुलाया… हमने सोचा था कि फोटोग्राफी है। पर नहीं—यह तो ‘दिल’ की मुलाकात हुई।
‘लेस’ पर सवाल?
क्या वह ‘ब्रा’ सिर्फ परदे में है? नहीं! वो सिर्फ ‘मतलब’ में है—जैसे मेरे पिता कभी मुझसे पूछते हैं, ‘बेटा, क्यों पढ़ते हो?’ — ‘क्योंकि पढ़ना समझना है’!
‘अप्रत्यक्ष’ = ‘अधिक’
इनमें से किसी को ‘खुला’ होने की जरूरत नहीं। बस… ‘खड़े-खड़े’ मन में सवाल पूछना। औरफिर—घड़ी! 🕰️
आपको किसकी ‘शांति’ सबसे ज्यादा पसंद? 😏 कमेंट में #थ्री_लगज़ — #इनफिनिट_इंस्पिरेशन!
White芷 YY: A Silent Portrait of Stillness — Black Silk, Soft Pink, and the Soul Behind the Lens
जब तक़दीर के हिसाब से उसकी फोटोग्राफी में कभी पोज़ करने का दमन होता है… वो तो सिर्फ़ साँसों के बीच का स्पेस कैप्चर करती है।
‘Barbie’ कहले वाले? नहीं! ‘चुप्पी मुस’ कहले वाले!
उसका पैलेट सिर्फ़ मुख्त-फिल्टर है — soft pink #FFB6C1 + charcoal black।
कभी ‘like memory after rain’… पानी से गीला पड़ता है।
एक्सपोजर? 99!
शायद… मुझे पढ़ने से पहले ‘ब्रेथ’ हथेमें ‘इंट’।
अब सवाल: आपकि ‘वो’ कब-समय ‘मुख’ में ‘एन’ है?
#अपनि_एग_मुख_विक_फ्रेम
แนะนำส่วนตัว
दिल्ली के एक ऐसा फोटोग्राफर जो हर सुबह की पहली किरण में महिलाओं के आत्मा को देखता है। छोटे से कैमरे से, महान भावनाओं को स्थापित करता है। #महिला_की_अद्वितीयता #आधुनिक_शानदार_चेहरा



