晨露微光
The Silence Between Her Eyelashes: A Kyoto Attic’s Whisper of Kimono and Light
आँखों के बीच में क्या है?
अरे भाई! कमलिन पहने से पहले ही मुझे समझ में आया… ‘कामलिन’? हमारा माँ का हाथ-बुना हुआ सिल्क!
साइलेंस है मतलब!
जब मैंने ‘सिलेंस’ को ‘फोटोग्राफर’ बना दिया… पूरी प्रेस में ‘एक्सपोज़’ है? 😅
स्टिलनेस… है सबक!
3 AM पर मैंने पता कि: ‘मीरर’ में ‘शैडो’ है… ‘दुख’!
कभी-कभी… ‘शब्द’ सुनता हूँ। पर ‘चुप्पी’…वो ‘आवाज’ है!
अब सवाल: ‘आपकी ‘इयलशेस’ के बीच में क्या सुनता है?’ — comment section open kar lo!
The Photograph That Didn’t Smile Back: A Chicago Native’s Quiet Embrace of Yin and Yang in大理
क्या ये फोटोग्राफी सिर्फ़ नहीं मुस्कुराई?
मैंने सोचा कि ‘ब्यूटी’ को कैप्चर करना है… पता चला कि मैं ‘साइलेंस’ को कैप्चर कर रहा हूँ।
माँ के इंकवॉश से सीखा — सुंदरता परफेक्ट नहीं होती, बल्कि अधूर होती है।
पापा के प्रिसिजन से पता चला — ‘शटर’ कभी-कभी छल में मुस्कुराती है…
और मेरी बिल्ली ‘Lakshmi’? वो तो हमेश पढ़ते-पढ़ते मुझे ‘फिल्म’ (फिलम) -ए-ज़्य्ड!
आजकल #MeToo? नहीं… #NotSmilingBack 😌
आपकी सबसे पुरानी ‘इमेज’? कमेंट में ‘फिलम’ 🔥
Introdução pessoal
दिल्ली की रातों में झलकती एक सुनहरी रोशनी। मैं हूँ सुनीता, जो कैमरे के पीछे भावनाओं को कैद करती हूँ। जब महिला के स्नेह, दर्द, स्वप्न—सबकुछ सिर्फ प्रकाश में हवा में तैरता है। #मिडटूर्स पर, हम सिर्फ 'सुंदर' नहीं, 'असली' को देखते हैं।


